Sanatan Dharma (सनातन धर्म)

देवी स्तुति – या देवी सर्वभूतेषु (Goddess Durga Stuti)

सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुते॥

हे नारायणी! तुम सब प्रकार का मंगल प्रदान करने वाली मंगल मयी हो। कल्याण दायिनी शिवा हो। सब पुरुषार्थो को (धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष को) सिद्ध करने वाली हो। शरणागत वत्सला, तीन नेत्रों वाली एवं गौरी हो। हे नारायणी, तुम्हें नमस्कार है।
Salutations to you, O Narayani (Goddess), You who are the source of all auspiciousness and blessings, The auspicious and benevolent one, the bestower of all desires, The one who is the refuge of all, The three-eyed (Trimbake) Goddess, Gauri, I bow to you again and again.

या देवी सर्वभूतेषु विष्णुमायेति शब्दिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी समस्त प्राणियों में विष्णुमाया कहलाती हैं, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको बार-बार नमस्कार है।
The Goddess who is called Vishnu’s Maya (the divine illusion) in all beings, I bow to her, I bow to her, I bow to her again and again.

या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्यभि धीयते।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी सभी प्राणियों में चेतना के रूप में प्रतिबिम्बित होती हैं, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको बार-बार नमस्कार है।
The Goddess who is known as consciousness in all beings, I bow to her, I bow to her, I bow to her again and again.

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी समस्त प्राणियों में बुद्धि रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको बार-बार नमस्कार है।
The Goddess who resides in all beings in the form of intelligence, I bow to her, I bow to her, I bow to her again and again.

या देवी सर्वभूतेषु निद्रारूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी समस्त प्राणियों में निद्रा रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको बार-बार नमस्कार है।
The Goddess who resides in all beings in the form of sleep, I bow to her, I bow to her, I bow to her again and again.

या देवी सर्वभूतेषु क्षुधारूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी समस्त प्राणियों में भूख के रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको बार-बार नमस्कार है।
The Goddess who resides in all beings in the form of hunger, I bow to her, I bow to her, I bow to her again and again.

या देवी सर्वभूतेषु छायारुपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी समस्त प्राणियों में छाया रूप में निवास करती हैं, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको बार-बार नमस्कार है।
The Goddess who resides in all beings in the form of shadow, I bow to her, I bow to her, I bow to her again and again.

या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी समस्त प्राणियों में शक्ति रूप से स्थित हैं, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको बार-बार नमस्कार है।
The Goddess who resides in all beings in the form of power (Shakti), I bow to her, I bow to her, I bow to her again and again.

या देवी सर्वभूतेषु तृष्णारूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी समस्त प्राणियों में प्यास के रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको बार-बार नमस्कार है।
The Goddess who resides in all beings in the form of desire (Trishna), I bow to her, I bow to her, I bow to her again and again.

या देवी सर्वभूतेषू क्षान्तिरूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी समस्त प्राणियों में सहनशीलता के रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको बार-बार नमस्कार है।
The Goddess who resides in all beings in the form of patience (Shanti), I bow to her, I bow to her, I bow to her again and again.

या देवी सर्वभूतेषू जातिरूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी समस्त प्राणियों में मूल कारण रूप से स्थित हैं, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको बार-बार नमस्कार है।
The Goddess who resides in all beings in the form of birth (Jati), I bow to her, I bow to her, I bow to her again and again.

या देवी सर्वभूतेषू लज्जारुपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी समस्त प्राणियों में लज्जा रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको बार-बार नमस्कार है।
The Goddess who resides in all beings in the form of modesty (Lajja), I bow to her, I bow to her, I bow to her again and again.

या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी समस्त प्राणियों में शांति रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको बार-बार नमस्कार है।
The Goddess who resides in all beings in the form of peace (Shanti), I bow to her, I bow to her, I bow to her again and again.

या देवी सर्वभूतेषु श्रद्धारूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी समस्त प्राणियों में श्रद्धा रूप से स्थित हैं, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको बार-बार नमस्कार है।
The Goddess who resides in all beings in the form of faith (Shraddha), I bow to her, I bow to her, I bow to her again and again.

या देवी सर्वभूतेषू कान्तिरूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी समस्त प्राणियों में मनोहरता और सौंदर्य के रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको बार-बार नमस्कार है।
The Goddess who resides in all beings in the form of beauty (Kanti), I bow to her, I bow to her, I bow to her again and again.

या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी समस्त प्राणियों में सौभाग्य रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको बार-बार नमस्कार है।
The Goddess who resides in all beings in the form of Lakshmi (wealth and prosperity), I bow to her, I bow to her, I bow to her again and again.

या देवी सर्वभूतेषु वृत्तिरुपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी समस्त प्राणियों में वृत्ति रूप में स्थित हैं,उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको बार-बार नमस्कार है।
The Goddess who resides in all beings in the form of conduct (Vritti), I bow to her, I bow to her, I bow to her again and again.

या देवी सर्वभूतेषु स्मृतीरुपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी समस्त प्राणियों में स्मृति रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको बार-बार नमस्कार है।
The Goddess who resides in all beings in the form of memory (Smriti), I bow to her, I bow to her, I bow to her again and again.

या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी समस्त प्राणियों में दया रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको बार-बार नमस्कार है।
The Goddess who resides in all beings in the form of compassion (Daya), I bow to her, I bow to her, I bow to her again and again.

या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी समस्त प्राणियों में संतोष रूप से स्थित हैं, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको बार-बार नमस्कार है।
The Goddess who resides in all beings in the form of contentment (Tushthi), I bow to her, I bow to her, I bow to her again and again.

या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी समस्त प्राणियों में माता रूप में निवास करती हैं, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको बार-बार नमस्कार है।
The Goddess who resides in all beings in the form of Mother (Matri), I bow to her, I bow to her, I bow to her again and again.

या देवी सर्वभूतेषु भ्राँतिरूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

जो देवी समस्त प्राणियों में मोह रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको बार-बार नमस्कार है।
The Goddess who resides in all beings in the form of delusion (Bhranti), I bow to her, I bow to her, I bow to her again and again.

इन्द्रियाणामधिष्ठात्री भूतानां चाखिलेषु या।

भूतेषु सततं तस्यै व्याप्तिदेव्यै नमो नमः॥

जो देवी समस्त लोकों में प्राणियों की इन्द्रियों को नियंत्रित करती हैं, उनको नमस्कार है, जो समस्त प्राणियों में सदैव व्याप्त रहती हैं।
She who is the ruler of the senses (Indriyas) and resides in all beings, She who is ever-present in all creatures, I bow to her, the all-pervading Goddess.

चितिरुपेण या कृत्स्नम एतत व्याप्य स्थिता जगत्।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

(उसे नमस्कार है) जो चेतना के रूप में इस ब्रह्मांड में व्याप्त है और इसमें निवास करती है, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको बार-बार नमस्कार है।
She who, in the form of consciousness (Chiti), pervades and sustains this entire universe, I bow to her, I bow to her, I bow to her again and again.

सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुते॥

हे नारायणी! तुम सब प्रकार का मंगल प्रदान करने वाली मंगल मयी हो। कल्याण दायिनी शिवा हो। सब पुरुषार्थो को (धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष को) सिद्ध करने वाली हो। शरणागत वत्सला, तीन नेत्रों वाली एवं गौरी हो। हे नारायणी, तुम्हें नमस्कार है।
Salutations to you, O Narayani, who is the source of all auspiciousness and good fortune, You are the one who fulfills all desires, the consort of Lord Shiva, and the embodiment of all prosperity, I take refuge in you, O Goddess, the three-eyed (Trimbake), O Gauri.

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